सीएम पद पर अड़ी शिवसेना, संजय राउत का इस बयान से भाजपा की मुश्केली बढ़ी.

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महाराष्ट्र में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने बेशक साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव के बाद उसने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। वह राज्य में सत्ता के आधे बंटवारे के साथ ही ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है। जिसे लेकर उसके और भाजपा के बीच खींचतान जारी है।


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम को आए पांच दिन बीत चुके हैं और यहां सरकार गठन को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है। शिवसेना लगातार बयानबाजी कर रही है तो वहीं बीजेपी संयम बरते हुए है। आज ही शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिसका बाप जेल में है। उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीफ की और कांग्रेस की सीटों की संख्या भी बताई।


इससे पहले सोमवार को शिवसेना ने कहा कि राजनीति में कोई भी साधु-संत नहीं होता है। इस बयान से उसने संकेत दिया है कि यदि भाजपा उसकी मांगों को नहीं मानती है तो वह कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का समर्थन लेकर सरकार बना सकती है। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया लेकिन कहा कि शिवसेना गठबंधन की पवित्रता में विश्वास करती है।

बता दें कि हरियाणा में बीजेपी को दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी का साथ मिला है और मनोहर लाल खट्टर दोबारा मुख्यमंत्री बने हैं। जेजेपी ने जिस दिन बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया उसे दिन दुष्यंत के पिता अजय चौटाला को फरलो मिला और उसी के अगले दिन जेल से 14 दिनों के लिए बाहर आए।अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाला में सजा काट रहे हैं।


शिवसेना नेता ने कहा कि पार्टी उप मुख्यमंत्री पद पर नहीं मानेगी। उन्होंने कहा, 'यदि भाजपा नहीं मानती है तो हमारे पास समय है। उनके पास बहुमत नहीं है और वह सबसे बड़ी पार्टी है। यदि वह सेना के बिना चल सकते हैं तो मैं उनका स्वागत करता हूं और उन्हें बधाई देता हूं।' चुनाव परिणाम में भाजपा को उतनी सीटों पर बहुमत नहीं मिला जितनी की उसे उम्मीद थी। इसी कारण उसे सरकार बनाने के लिए शिवसेना की जरुरत है।

दोस्तों, आपको क्या लगता है महाराष्ट्र में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए की नहीं आप हमे कमेंट करके बताये.

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